🔥 जन आक्रोश🔥
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लाशों पर फलता - फूलता व्यापार चाहिए।
कफ़न बेचता हूं,खरीदार चाहिए।।
चाहिए चंद बिकाऊ मीडिया हाउस।
कुछ बिके हुए पत्रकार चाहिए।।
झूठ को भी आंखे मूंद सच मान ले।
कुछ अंधे भक्त,वफादार चाहिए।।
देश की संपदा की लगा सकें बोली।
कुछ ऐसे व्यापारी दोस्त तैयार चाहिए।।
हमसे करेगा कौन अस्पताल की बात।
उनको तो सिर्फ धर्म और मज़हब का बुखार चाहिए।।
जो मर रहे है,उनके लिए अफ़सोस कैसा?
मौतों पर भी उत्सव तैयार चाहिए।।
जो अस्पताल के बाहर है,उनसे पूछो।
उन्हें बेड नही,धर्मरक्षक सरकार चाहिए।।
मरता हो कोई कल,मर जाए आज।
हमको तो चुनाव,कुंभ मेला बरक़रार चाहिए।।
अच्छे दिनों का चूरन ऐसा किया कमाल।
सरकार नही,उनको चौकीदार चाहिए।।
चौकीदार हर बार मिला चैन से सोता।
उसको तो बस भाषण दमदार चाहिए।।
✍️सिस्टम से डरा हुआ आक्रोशित नागरिक
पवन सिंह
फोटो क्रेडिटः गूगल
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