🔥शुक्र कर रब का🔥
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शुक्र कर रब का,
तू अपने घर में है,
पूछ उस से जो
अटका सफर में है...
यहां बाप की शक्ल नही देखी
आखरी वक्त में कुछ लोगों ने,
बेटा हॉस्पिटल में और
बाप कब्र में है ...
तेरे घर में राशन है साल भर का,
तू उसका सोच जो दो वक्त की
रोटी के फ़िक्र में है...
तुम्हे किस बात की जल्दी है
गाड़ी में घूमने की,
अब तो सारी कायनात ही सब्र में है...
अभी भी किसी भ्रम में मत रहना मेरे दोस्त
इंसानों की नही सुनती आज कल,
कुदरत अपने सुर में है...
✍️पवन सिंह
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