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16 May, 2021

हम भारत के लोग



कोरोना से मरे हुए लोग,

थे हम भारत के लोग,

 

ऑक्सीजन की कमी से मरे

हुये कोरोना के मरीज,

थे हम भारत के लोग,

 

दवा की कमी से मरे

हुये कोरोना के मरीज,

थे हम भारत के लोग,

 

विधुत शवगृह के आगे,

लगी कोरोना से मरे

लोगों की लाशों की कतारें,

थे हम भारत के लोग,

 

श्मशान घाट पर जलते हुए,

कोरोना मरीज की लाशे,

थे हम भारत के लोग,

 

गंगा नदी के बालू में दफनाये

गये कोरोना से मरे लोग,

थे हम भारत के लोग,

 

गंगा नदी में तैरते हुए

कोरोना से मरे लोगों की लाशे,

थे हम भारत के लोग,

 

 

हम भारत के लोगों को

गर्व था,

अभिमान था,

उम्मीद थी,

अपनी सरकार पर,

अपनी सिस्टम पर,

अपनी भगवान पर,

 

वे हमें बचा लेंगे,

जैसे धर्म और संस्कृति की रक्षा

के लिए बना

मठाधिश शंकराचार्य,

आज बचा रहे धर्म और संस्कृति को,

 

मठाधीश बाबा,

राम मंदिर बनाकर

करोड़ों लोगों की रक्षा

कर रहे...

 

हम भारत के लोगों

की रक्षा करना जिनकी ईबादत है,

मृत्यु के मुँह से,

खिच लाना

जिनकी आदत है,

 

 

वे व्यस्त थे,

चुनाव में, कुम्भ में,

क्योंकि पुनः लाशों के

ढेर पर फिर

वहाँ कोई मंदिर

बनाना था।

 

फिर लाशों के

ढेर  पर

कोई मंदिर बनाना था।

 

 फोटोः संभार गूगल.


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