आज हमें यह सोचने को विवश होना पड़ रहा है कि हम किस युग में जी रहे हैं, एक तरफ
कोरोना जैसे गंभीर महामारी से घिरा इंसान अपनी जिंदगी बचाने के लिए घर में कैद
रहकर अपने रिश्ते-नातों/सगे-संबंधियों से दूरी बनाने को मोहताज हैं, वहीं दूसरी ओर
भीड़ तंत्र घरों से बाहर निकलकर खुशहाल इंसानी जिंदगी को मौत के मुँह ढकेल रहा.
परिवर्तन संसार का नियम है. जंगलों में रहने वाला बंदर
आज घरों में रहने वाला इंसान बन गया है. ये कब हुआ बहुत समय गुजरा.
लेकिन क्या आज इंसान किसी रूप में परिवर्तन
ले रहा है, तो कहूँगा, हाँ, बिल्कुल… यह इंसान से
हैवान, मानव से दानव और आदमी से आदमखोर में प्रवेश ले रहा है… यह परिवर्तन तो इंसानी
आंखों के सामने हो रहा है…
पर, इसके परिवर्तन के लिए दोषी कौन ?
कुछ अनैतिक रूप से पाने के लिए इंसानों द्वारा फैलाया जाने वाला भ्रम, अफवाह, भड़काऊ युक्त बयान, पोस्ट, कॉमेंन्ट्स या दकियानुसी सोच…
यह सोचना पड़ेगा कि वर्तमान में जनमानस पर
जो दूषित विचार फैला रहा हैं, वो कौन लोग है, जिन्हें इस दूषित विचार से ही केवल
सुखद अहसास महसूस होता है ?
साथ ही मिडिया चैनलो मे बैठकर धर्म और जाति
के मुद्दे पर भड़काने वाले महानुभाव...जिन्हें किसी मुकदमे में नाम आते ही बचाने
के लिए आने वाले परजीवी जीव...
राजनितिक पार्टियों के आई.टी सेल, जो फर्जी
अकाउंट बनाकर विरोधियों के सात पुश्तों को माँ-बहन की श्लोकोच्चारण और मंगल गीत
गान करने से परहेज नहीं करते या वो जिन्हें इंसानी सेल से ज्यादा साइबर सेल पर ज्यादा
विश्वास रहता है.
इन सबके बीच यह भी सोचना पड़ेगा कि किस जगह पर असहमति के अधिकार बचे है या हर मामले
में किसी से सहमत ही हुआ जा सकता है...
क्या असहमत होने वाले ही सोशल मीडिया के बाद
समाज में भीड़-तंत्र का हिस्सा बन रहे हैं ?
हालात तो इतना तक बन रहा है कि कोई भी पोस्ट लिखने पर असहमति वाले अपनी सात
पुश्तों के संस्कार को तिलांजली दे नये संस्कार को जन्म दे रहा...
क्या नये संस्कार ही आदम युग का हिस्सा बन
रहा...
ये भी सोचना पड़ेगा कि आदमी को आदमखोर बनने
की प्रवृत्ति कब से शुरू हुई...
अंत में मशहूर शायर राहत इंदौरी के शब्दों में,
‘अगर खिलाफ हैं होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है,
लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में,
यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है,
-जेपी
हंस
Note: फोटो गूगल से संभार.
आज के हालात की बिल्कुल सही व्याख्या सर।
ReplyDeleteधन्यवाद...
DeleteAaj ke halat ki sahi vyakhya ...
ReplyDeleteधन्यवाद...
Deleteबहुत सुंदर और सार्थक पोस्ट।
ReplyDeleteBahut accha Post Likha hai Aapne.
ReplyDeleteधन्यवाद जी...
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