05 January, 2016
01 January, 2016
मेरा परिचय
गौरवशाली बिहार राज्य के जहानाबाद जिला (इससे पहले गया जिला कहलाता था) से कटकर सन् 1999 में बने अरवल जिला के करपी थाना अन्तर्गत दनियाला गाँव में हुआ । दनियाला गाँव तो करपी थाना में तीन-तीन है व भी सब सटा हुआ । मेरा गाँव पश्चिमी दनियाला या जिसे बड़की दनियाला कहते हैं । आबादी में सबसे छोटा लेकिन ज्यादा नौकरी और शिक्षित होने के कारण बड़की दनियाला कहलाता है । आज भी बड़की दनियाला और छोटकी दनियाला में confusion हो जाता है । अब तो मेरा गाँव का नाम हलखोरी चक हो गया है । मेरे गाँव के सबसे पहले व्यक्ति स्व. हलखोरी सिंह थे । उन्हीं के संतान आज सभी गाँववासी है । बाहरी एक भी नहीं । सीधे कहें तो स्व. हलखोरी सिंह ही हमारे पूर्वज थे जिसने हमारे गाँव को बसाया था ।
मेरा जन्म वर्ष का पुरा पता नहीं लेकिन माँ
कहती है कि दीपावली के अगले दिन गाय-डाढ़ का समय था, उसी दिन मेरा जन्म हुआ था ।
चाचा और गाँव के कई लोग गाय-डाढ़ का मेला देखन के लिए जा रहे थे ।
पहला क्लास से तीसरा क्लास तक अपने गाँव में
टाट पर बैठकर पढ़ा । आगे अपने ननिहाल मसौढ़ी थाना कै दुधिचक में आ गया । वहां चौथा
पढ़ा, पाँचवा नहीं सीधे हाई स्कूल पितवाँस में छठा से सातवाँ तक पढ़ा । तत्पश्चात्
नौबतपुर थाना के पिपलावा गाँव में एक प्राईवेट स्कूल Bright Future Academy में आठवाँ, नवमां और दसवाँ क्लास में पढ़ा । यह स्कूल फूस और खपरैल का बिना
मान्यता प्राप्त स्कूल था, लेकिन पढ़ाई में बहुत सख्त ।
हाई स्कूल पास करने के बाद पटना आया, जहाँ स्कूल और ट्यूशन करके आगे की पढ़ाई जारी रखा । तत्पश्चात इन्टर पास किया । 2010 में दिल्ली नगर निगम में क्लर्क के पद पर नौकरी ज्वाईन किया । फिर 2014 में इनकम टैक्स पटना के अन्तर्गत झारखंड के जमशेदपुर में नौकरी की । वर्ष 2018 में पटना इनकम टैक्स में ट्रान्सफर हुआ । इस उपरान्त नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना से बी.ए (हिन्दी), एम.ए (हिन्दी) पास किया । आगे Phd की तैयारी है । वर्ष 2013 से ब्लॉगिंग कर कुछ न कुछ लिखता आ रहा हूँ । पूर्वी दिल्ली से प्रकाशित पूर्वालोक, आयकर विभाग राँची से प्रकाशित आयकर जोहार, आयकर विभाग, पटना से प्रकाशित आयकर विहार, ऑनलाईन वेब पत्रिका पुष्पवाटिक टाईम्स, ब्लॉग-बुलेटिन, अनुभव एवं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाऐ तथा निरंतर साहित्यिक कार्य जारी है ।
22 October, 2015
हमारा सम्पर्क-सूत्र
सम्पर्क-सूत्र
नाम- जयप्रकाश नारायण उर्फ जेपी हंस
पता- ग्राम- भूपतिपुर
पोस्ट- ढेलमा
थाना- रामकृष्णा नगर
भाया- लोहिया नगर
पिन कोड- 800020
ईमेल आई.डी- jphans25@gmail.com
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ब्लॉग- www.jphans.in, www.jphans.blogspot.in
ब्लॉग का नाम- जेपी-डायरी
07 October, 2015
संपूर्ण क्रांति के सूत्रधार- लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण
25 September, 2015
दिल्ली में डेंगू
देखो आया दिल्ली में डेंगू l
चारो तरफ कोहराम मचाया,
सोती सरकार को जगाया ।
जब से डेंगू आई है,
डॉ साहेब की निंद हेराई है ।
बीमारी सुनकर जनता दंग,
मच्छर साहेब बजाते मृंदग l
मुझ पर तो तुने काबू पाया,
लो मुझसे बड़ा मेरा चाचा आया।
छोड़ो दिल्ली भागो काठमांडू,
सुनो भाई चंगू मंगू,
देखो आया दिल्ली में डेंगू।
यहां नया संविधान है और नई सरकार है।
बीमारी से लड़ने को मिला,
तेजधार वाली नई तलवार है ।
रामदेव बाबा ने उपाय सुझाया,
स्वदेशी घरेलू उपचार बताया ।
अंग्रेजी दवा लेता खुन चुस ,
उससे अच्छा बकरी दूध, पपिता का जुस।
तुम सब को पता है,
कौरव से अच्छा था पांडू।
सुनो भाई चंगू मंगू,
देखो आया दिल्ली में डेंगू ।
17 September, 2015
शायरनामा
कुछ खट्टे मिठ्ठे शायराना अंदाज में शेर प्रस्तुत है ।
बिन दिये पानी गुलाब में,
कली नहीं खिल सकती ।
असेम्बली में सीट भले ही मिल जाए ।
बस में सीट नहीं मिल सकती ।
ओ सुपुत्र के नाम पर कसम खाने वाले धरनेबाज ।
ईमानदारी के लिए इस तरह फाइट करते नहीं देखी ।
गुजरे जमाने की शायद याद नहीं,
आधी अंधेरी रात में ब्लैक को वाईट भी करते नहीं देखी ।
सुना है जमान की मिल्कियत में
तरबदर हुश्न भी बिक जाती है ।
थोड़ा सब्र रख जमाने की मलिका ।
तेरे स्वागत में जेठ की दोपहरी में भी घटा छा जाती है ।