भूलने वाले से कोई कह
दे जरा,
इस तरह याद आने से
क्या फायदा,
जो मेरी दुनिया को
बसाते नहीं,
फिर याद आकर सताने से
क्या फायदा,
मेरा दिल को जला कर क्या मिल गया,
मिट सका न जमाना से मेरा निशा,
मुझ पर बिजली गिराओ तो जाने सही,
मेरा आँसुओं पर गिराने से क्या फायदा,
क्या कहूँ आपसे कितनी
उम्मीद थी,
अब क्या बदले दुनिया
बदलती गयी,
आसरा देकर दिल तोड़ते
है मेरा,
इस तरह याद आने से
क्या फायदा,
आपने कितनी मुझे तकलीफें दी,
लूट जाती हूँ याद करती हुई,
ऐसे सजदें से अल्लाह मिलता नहीं,
हर जगह सर झुकाने से क्या फायदा ।
-अज्ञात
-अज्ञात
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